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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 19 Apr 2023 8:00 am IST


वैशाख अमावस्या 20 को, बन रहे चार शुभ योग, शिवजी और शनिदेव के साथ ही होगी पितरों की पूजा




स्नान-दान की वैशाख अमावस्या 20 अप्रैल को मनेगी। इस दिन 4 बड़े शुभ योग बनेंगे। जिससे पर्व की शुभता और बढ़ेगी। इसी दिन शनिदेव के साथ ही शिवजी और पितरों की पूजा की जाएगी। वैशाख अमावस्या पर जरुरतमंद लोगों को दान देने की परंपरा भी है। ज्योतिषाचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार इस बार वैशाख अमावस्या पर केदार, सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य और मानस नाम के शुभ योग बन रहे हैं। सूर्य, गुरु, शुक्र और शनि, ये चार ग्रह खुद की राशियों में रहेंगे। सितारों की इस शुभ स्थिति में इस पर्व पर किए गए शुभ कामों का फल और भी बढ़ जाएगा।

खरीदारी और नई शुरुआत का मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार इस बार वैशाख अमावस्या पर तिथि, वार और नक्षत्र के हिसाब से सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। ये योग हर तरह की खरीदारी के लिए शुभ रहेगा। इस शुभ योग के चलते नौकरी और बिजनेस में की गई नई शुरुआत में सफलता मिलने की संभावना और बढ़ जाएगी। वहीं, अन्य ग्रहों की स्थिति भी इस दिन किए गए कामों का शुभ फल और बढ़ाएगी।

20 अप्रैल को स्नान-दान की वैशाख अमावस्या
ज्योतिषाचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार 20 अप्रैल का सूर्योदय अमावस्या तिथि में होगा। ये तिथि सुबह तकरीबन 10 बजे तक रहेगी, इसलिए इस पर्व में सुबह तीर्थ और पवित्र नदियों में स्नान-दान किया जाएगा। इस दिन किए गए स्नान-दान से कई गुना पुण्य फल मिलता है। इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भी रहेगा, लेकिन भारत में नहीं दिखने से इसका धार्मिक महत्व भी नहीं रहेगा। वैशाख की अमावस्या पर भगवान भोलेनाथ के साथ ही श्राद्ध और पितृ पूजा करने से पितर संतुष्ट हो जाते हैं। जाने-अनजाने में जो गलती हो, उसके लिए इस दिन पितरों से क्षमा मांगनी चाहिए। साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य देकर तुलसी पौधे की 108 परिक्रमा करनी चाहिए।

सालों में एक बार बनता है ऐसा संयोग
ज्योतिषाचार्य राजेंद्र तिवारी के अनुसार हर महीने अमावस्या आती है, लेकिन ग्रहों की चाल में लगातार बदलाव होता रहता है। साथ ही तिथि, वार और नक्षत्र भी आगे-पीछे होते हैं। यही वजह है कि कई सालों में ऐसा होता है, जब वैशाख मास की अमावस्या पर केदार, सर्वार्थसिद्धि, बुधादित्य और मानस योग एक साथ बनते हैं। ये संयोग स्नान-दान के लिए शुभ और सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन नदियों, तीर्थों में स्नान, गोदान, अन्नदान, ब्राह्मण भोजन, वस्त्र दान करना पुण्य फलदायी माना जाता है।