हिमालयन ग्राम विकास समिति के सहयोग से प्रो. इंदुमती राव सभागार में आयोजित दो दिवसीय साइंस आउटरीच कार्यक्रम का बृहस्पतिवार को समापन हुआ। इसमें वैज्ञानिक प्रो. बीडी लखचौरा ने बायोटेक्नोलॉजी में हो रहे अनुसंधानों की जानकारी दी। बताया कि अब एंटीबायोटिक जैसे ड्रग्स को सीधे प्रभावी अंग में पहुंचाया जा सकेगा। इससे दूसरे अंगों में इसका दुष्प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की वैक्सीन तैयार की जा रही है कि खाने की चीजों में ही इसका उपयोग होगा।
भारत रत्न प्रो. सीएन आरराव, प्रो. इंदुमती राव भी इस कार्यशाला में ऑनलाइन जुड़े थे। उन्होंने उत्तराखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के छात्रों के लिए साइंस आउटरीच कार्यक्रम निरंतर चलाते रहने की बात कही ताकि इससे छात्रों में विज्ञान के प्रति रुचि बनी रहे, जो आगे चलकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकें। डॉ. जयश्री सनवाल ने पदमभूषण स्व. खड़ग सिंह वल्दिया के भूगर्भ के क्षेत्र में देश, दुनिया में दिए गए योगदान के बारे में बताया। प्रो. एस जीना ने जीवविज्ञान की प्रगति, डॉ. दर्शना जोशी ने उत्तराखंड से विश्व तक की अपनी अकादमिक यात्रा की जानकारी दी। यूसर्क की निदेशक प्रो. अनीता रावत ने विज्ञान शिक्षा का महत्व बताया। प्रो. दुर्गेश पंत ने छात्रों और अध्यापकों को विज्ञान क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रो. बीएस कोरंगा ने विज्ञान में गणित की उपयोगिता बताई। एचजीवीएस अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने आभार जताया। कहा कि यह संस्था साइंस आउटरीच कार्यक्रम को पिछले 15 वर्षों से संचालित कर रही है। कार्यक्रम में देश के 14 वैज्ञानिकों और विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया। इस दौरान गंगा प्रसाद पंत, हीरा सिंह शाही, किशोर पाटनी, दिनेश भट्ट, शिवजीत सिंह, कैलाश पंत, राजकिशोर, राम लाल सागर, भरत शर्मा आदि शामिल रहे।