असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता के लिए इस साल भारत के एकमात्र नामांकन 'मैदम' पूरी तरह तैयार है।
असम सीएम ने बताया कि, चराइदेव जिले में अहोम रॉयल्टी के दफन टीलों ने तकनीकि आवश्यकताओं को पूरा किया है। वहीं अब नामांकन का मूल्यांकन स्मारकों और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद करेगी। सरमा ने ट्विट कर लिखा कि, ''बड़े गर्व के साथ चराइदेव मैदम को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिलाने के हमारे प्रयास में एक ऐतिहासिक उपलब्धि साझा करते हुए खुशी हो रही है। मैदम ने यूनेस्को सचिवालय की सभी तकनीकि आवश्यकताओं को पूरा कर लिया है।
उन्होंने 'असम के पिरामिड' के नामांकन के लिए पीएम मोदी का भी आभार व्यक्त किया। ''नामांकन का मूल्यांकन अब स्मारकों और स्थलों पर अंतरराष्ट्रीय परिषद करेगी। हम मूल्यांकन मिशन के दौरे को लेकर भी आशान्वित हैं। सरमा ने पहले कहा था कि, चराइदेव में अहोम वंश की 'मैदम' या टीले को दफनाने की प्रणाली को पहली बार अप्रैल 2014 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की अस्थायी लिस्टेड किया गया था।