उत्तराखण्ड प्रशासन को जल्द ही चिंताजनक स्थिति का सामना करना पड़ सकता है । वहीं इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की होने वाली भूख हड़ताल । बता दें, कि आयुष चिकित्सकों को ऑपरेशन का अधिकार दिए जाने के विरोध के चलते इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की राज्य इकाई ने 1 से 14 फरवरी तक पूरे प्रदेश में चरणबद्ध तरीके से भूख हड़ताल की चेतावनी दी और साथ ही यह भी बताया कि इस दौरान प्रत्येक शाखा से 10-10 डॉक्टर अलग-अलग दिनों में भूख हड़ताल करेंगे। लिहाज़ा इस दौरान ओपीडी नहीं चलेगी, लेकिन आपातकालीन सेवाएं जारी रखी जाएंगी।
गौर करने वाली बात यह है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने फैसला अपनी एक बैठक के दौरान लिया और पत्रकारों को इस संबंध में जानकारी दी । वहीं इस बैठक में आईएमए के प्रदेश महासचिव डॉ. अजय खन्ना, पूर्व महासचिव डॉ. डीडी चौधरी, कोषाध्यक्ष डॉ. संजय उप्रेती, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरविंद शर्मा समेत कई पदाधिकारियों ने भाग लिया ।