कर्नाटक के मंगलूरू में एक चलते ऑटो रिक्शा में हुए विस्फोट मामले में पुलिस धीरे-धीरे जांच को आगे बढ़ा रही है। इधर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
वहीं मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस यानि आईईडी विस्फोट मामले में संदिग्ध आत्म-कट्टरपंथी हैं, और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर समूहों से प्रारंभिक तौर पर बम बनाना सीखा था।
हालांकि शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली के निवासी मुख्य संदिग्ध 24 वर्षीय मोहम्मद शरीक और उसके सहयोगी अब्दुल मथीन ताहा, अराफात अली, माज मुनीर अहमद और सैयद यासीन उनका किसी भी संगठन से कोई संबंध नहीं था। लेकिन उन्होंने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से इस्लामिक स्टेट की दी गयी सामग्री तक पहुंच बनाई। और अपनी प्रेरणा से उन्होंने इन गतिविधियों की योजना बनाई।