केंद्र सरकार में विभिन्न पदों से सेवानिवृत्त हुए कश्मीरी प्रवासियों को सरकारी आवास खाली करना पड़ेगा। ‘आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय’ के संपदा निदेशालय ने इसके लिए 30 नवंबर की डेडलाइन तय की है। इस आदेश का असर खुफिया एजेंसियों सहित केंद्र सरकार के दूसरे विभागों से रिटायर हुए कश्मीरी प्रवासियों पर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक अहम फैसले के बाद संपदा निदेशालय ने ये आदेश जारी किए हैं।आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के संपदा निदेशालय द्वारा 28 मार्च 2017 को यह आदेश जारी किया गया था कि जम्मू-कश्मीर के माइग्रेंट कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद वैकल्पिक सरकारी आवास की सुविधा मिल सकती है। हालांकि 'आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय' ने यह पॉलिसी, दिल्ली उच्च न्यायालय के एक जून 2012 को जारी आदेशों का पालन करने के लिए बनाई थी। इस पॉलिसी को 2017 में लागू किया गया। इसमें 'जनरल पूल रेजिडेंशियल एकोमोडेशन' (जीपीआरए) के तहत जम्मू-कश्मीर के रिटायर्ड कर्मियों को सरकारी आवास देने की बात कही गई है।