भारत में मंकीपॉक्स दस्तक दे चुका है। इसके साथ ही वैज्ञानिकों की एक टीम ने वायरस को जीवित पाने की कोशिश शुरू कर दी है। केरल के संक्रमित के सैंपल से जीवित वायरस को अलग करने के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की टीम ने कल्चर शुरू किया है।
वायरस अलग होने के बाद, वैज्ञानिक आगे का अध्ययन शुरू करेंगे। जिसमें टीका, दवा और वायरस की प्रतिक्रिया इत्यादि के बारे में पता चलेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना वायरस को भी इसी तरह जीवित ढूंढा गया था। हालांकि उस दौरान इन्हें दो बार असफलता के बाद ही सफलता मिली थी। माना जा रहा है कि, अगले एक से दो सप्ताह में देश को बड़ी उपलब्धि मिल सकती है।
एनआईवी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया, अभी तक हमारे पास पहुंचे 30 से अधिक सैंपल में से एक में संक्रमण मिला है। अब जीवित वायरस को अलग किया जा रहा है। मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक स्तर पर जितनी भी जानकारियां हैं उस आधार पर उपचार प्रबंधन किया जा सकता है।