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• Fri, 2 Apr 2021 1:44 pm IST


गौरीकुंड के ग्रामीणों दिया गर्मकुंड को नया रूप


रुद्रप्रयाग-गौरी गांव के ग्रामीणों ने सहभागिता की मिसाल पेश करते हुए श्रमदान से प्राचीन गर्मकुंड को नया रूप दिया है। अब केदारनाथ यात्रा में आने वाले श्रद्धालु यहां आराम से आचमन, पंच स्नान व स्नान कर सकेंगे। ग्रामीणों ने शासन, प्रशासन पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि आपदा के बाद से गर्मकुंड के संरक्षण के ठोस प्रयास नहीं हो पाए हैं। जबकि लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
बीते 10 मार्च से ग्रामीणों ने गैंती-फावड़ा लेकर गर्मकुंड के पुनरोद्धार का कार्य शुरू किया था। शुरूआती तीन-चार दिनों तक गर्मकुंड के चारों तरफ साफ-सफाई करते हुए गर्म पानी के स्रोत को संरक्षित करते हुए कुंड का रूप दिया गया। इसके बाद चारों तरफ तीन फीट ऊंची व पांच फीट लंबाई में सीढ़ीनुमा दीवार बनाई है, जिससे गर्मपानी का उचित संग्रह हो सके और यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु आचमन, पंचस्नान व स्नान कर सके। लगभग दो सप्ताह तक प्रतिदिन श्रमदान करते हुए गौरी गांव के ग्रामीणों व गौरीकुंड के व्यापारियों ने प्राचीन धार्मिक धरोहर का संरक्षण करते हुए मिसाल पेश की है। दीर्घायु प्रसाद गोस्वामी, अनसूया प्रसाद गोस्वामी, महादेव गोस्वामी, श्रीधर प्रसाद गोस्वामी, जय किशन गोस्वामी का कहना है कि शासन, प्रशासन की उपेक्षा के चलते ग्रामीणों ने स्वयं ही श्रमदान कर गर्मकुंड के संरक्षण का निर्णय लिया था। ग्राम प्रधान सोनी देवी, व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी, धीरेंद्र गोस्वामी, कैलाश गोस्वामी, वन पंचायत सरपंच विष्णुदत्त गोस्वामी आदि का कहना है कि प्रत्येक परिवार ने इस कार्य में अपनी भागीदारी निभाई है, जिससे गर्मकुंड को एक नया रूप दिया जा सका।