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• Sun, 28 Feb 2021 8:15 am IST


नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष का कारावास


टिहरी- नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी नेपाली मूल के युवक को विशेष सत्र न्यायाधीश सिकंद कुमार त्यागी की अदालत ने 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड जमा नहीं करने पर 6 माह अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतनी होगी। युवक को गृहभेदन का भी दोषी पाए जाने पर तीन वर्ष के कारावास के साथ पांच हजार अर्थदंड भी लगाया गया। अर्थदंड नहीं देने पर 3 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। दोषी की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

कोतवाली क्षेत्र पौड़ी में विगत वर्ष 11 मई को नेपाली मूल की एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में नेपाली मूल के ही युवक के खिलाफ पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि बबलू बूढ़ा उर्फ दल बहादुर ने रात को उसके घर में घुसकर दूसरे कमरे में अकेली सो रही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म किया। बेटी के चिल्लाने पर जब परिजन उठे तो बबलू भाग गया। पूछने पर बेटी ने दुष्कर्म की बात बताई। पुलिस ने मामले में बबलू के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज की उसे गिरफ्तार किया था। शनिवार को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश सिंकद कुमार त्यागी की अदालत ने फैसला सुनाया। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि आरोपी बबलू को सभी मामलों में दोषी पाया गया है। अदालत ने पोक्सो के तहत दोषी को 20 वर्ष का कारावास, गृहभेदन का दोषी पाए जाने पर 3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। रावत ने बताया कि अदालत ने राज्य सरकार को पीड़िता को प्रतिकर के रूप में चार लाख की धनराशि दिए जाने का निर्देश दिया है।