भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानि एनपीसीआई ने हाल ही में जारी एक सर्कुलर में सलाह दी है।
कहा गया है कि, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानि यूपीआई पर मर्चेंट लेनदेन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स यानि पीपीआई शुल्क लागू किया जाए।एनपीसीआई के सर्कुलर के अनुसार 2000 से ज्यादा के निवेश पर चार्ज लग सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपीआई का संचालन करने वाली संस्था एनसीपीआई ने अपने सर्कुलर में कहा कि 2,000 रुपये से अधिक की राशि के लिए यूपीआई पर पीपीआई का उपयोग करने से लेनदेन मूल्य का 1.1 प्रतिशत शुल्क के रूप में देना पड़ेगा।
बता दें कि, इंटरचेंज शुल्क आमतौर पर कार्ड भुगतान से जुड़ा होता है और लेनदेन को स्वीकार करने, संसाधित करने और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया जाता है। बैंक खाते और पीपीआई वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर यानि पी2पी और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट यानि पी2पीएम लेनदेन के लिए इंटरचेंज की आवश्यकता नहीं होती है और पीपीआई जारीकर्ता वॉलेट-लोडिंग सेवा शुल्क के रूप में प्रेषक बैंक को लगभग 15 आधार अंक का भुगतान करेगा।