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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 10 Nov 2021 5:21 pm IST


स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ज्ञानी स्वर्ण सिंह नहीं रहे


स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ज्ञानी स्वर्ण सिंह का निधन हो गया। वह 102 वर्ष के थे। पखवाड़ा भर से अस्वस्थ थे। सोमवार रात करीब 11 बजे अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र बलराज सिंह और कुलदीप सिंह ने चिता को मुखाग्नि दी। स्व. सिंह ने जहां अंग्रेजों की यातनाएं सहीं थीं, वहीं बंटवारे के दौरान मां को भी खो दिया था। ग्राम मैनाझुंडी निवासी ज्ञानी स्वर्ण सिंह का जन्म वर्ष 1919 में शेखपुरा पंजाब के भुट्टर गांव में हुआ था। 1942 के ‘अंग्रेजो भारत छोड़ो’ आंदोलन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई और अंग्रेजों की यातनाएं भी सही थीं। स्वर्ण सिंह 1945 में जालंधर और 1946 में पटियाला आए। वहां उन्होंने पंजाबी भाषा में शिक्षा ली। उन्होंने भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान अपनी मां बाल कौर को भी खो दिया था। ज्ञानी स्वर्ण सिंह गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब में रिसीवर भी रहे। उन्होंने तीन पुस्तकें भी लिखीं। स्वर्ण सिंह तो नहीं रहे, पर उनकी लिखी कविता... ‘कीति कुरबानी तू देश आजाद बदले, बनया समा पतंगा तू भगत सिंह’ सभी के दिलों में जिंदा रहेगी।