दून शहर और इसके आसपास की नगर पालिकाओं और पंचायतों के कूड़ा निस्तारण के लिए सेलाकुई स्थित शीशमबाड़ा में शुरू किया गया पहला कूड़ा निस्तारण प्लांट बंद होने की दहलीज पर पहुंच चुका है। इसकी एक वजह क्षेत्रीय जनता का आक्रोश है ही, लेकिन उससे बड़ी वजह यहां बने लैंडफिल की मियाद पूरा होना भी है।
कूड़ा निस्तारण के बाद बचने वाले अवशेष के लिए सोलह करोड़ लागत से पंद्रह वर्ष की क्षमता वाला जो लैंडफिल बनाया गया था, वह 29 माह पहले यानी नवंबर-2019 में ही ओवरफ्लो हो गया था। कंपनी ने कूड़े को निस्तारण के बजाए सीधे लैंडफिल में डाला, जिससे यह नौबत आई। कूड़ा निस्तारण के बाद बनाया जा रहा लाखों टन आरडीएफ और खाद भी प्लांट में जमा पड़ा है। इसी कारण यहां पर लगी आग 36 घंटे बाद भी बुझने का नाम नहीं ले रही। करीब 36 करोड़ रुपये लागत के इस प्लांट की ऐसी 'दुर्गति' होने के बाद भी नगर निगम संबंधित कंपनी के खिलाफ कठोर कदम उठाने को राजी नहीं।