बदरीनाथ धाम की यात्रा के दौरान चमोली जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्लाइडिंग व डेंजर जोन इस बार भी तीर्थ यात्रियों व प्रशासन की परीक्षा लेंगे। आलवेदर रोड निर्माण के बाद राजमार्ग में कई स्थानों पर स्लाइडिंग जोन सक्रिय हुए हैं, जहां हल्की वर्षा में भी पहाड़ी दरकने से आवाजाही मुश्किल हो जाती है।
यात्रा की राह में सबसे बड़ी चुनौती इस बार आपदा प्रभावित जोशीमठ बनेगा। यात्रा के इस प्रमुख पड़ाव में भूधंसाव के कारण राजमार्ग जगह-जगह धंस रहा है। हालांकि, राजमार्ग पर यातायात व्यवस्था सुचारु एवं सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन की ओर से कार्य शुरू कर दिए गए हैं।चमोली जिले में गौचर से ही बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति चुनौतीपूर्ण है। गौचर से बदरीनाथ धाम की दूरी 131 किमी है, जबकि गौचर से चमोली 66 किमी की दूरी पर है। इस संपूर्ण मार्ग पर लगभग 20 स्लाइडिंग जोन सक्रिय हैं। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक डेंजर जोन भी हैं। स्लाइडिंग जोन पर वाहनों पर पत्थर व मलबा गिरने का हमेशा खतरा बना रहता है।गौचर और चमोली के बीच आलवेदर रोड परियोजना के तहत हुए चौड़ीकरण के बावजूद सबसे अधिक स्लाइडिंग जोन और डेंजर जोन हैं। कमेड़ा स्लाइडिंग जोन 30 से भी अधिक वर्षों से मुश्किलें पैदा कर रहा है।