भारी बारिश का असर चारधाम यात्रा पर भी देखने को मिल रहा है. जहां मानसून से पहल हर दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में यात्रियों की संख्या करीब 10 से 12 हजार तक पहुंच रही थी, वहीं इन दिनों धामों में यात्रियों की संख्या हजार का आंकड़ा भी नहीं छू पा रही है. धाम से जुड़े तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि मानसून में हर वर्ष यात्रियों की संख्या में कमी आती है.कांवड़ यात्रा समाप्त होने के बाद अब गंगोत्री और यमुनोत्री में यात्रियों की संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है. मानसून शुरू होते ही हर वर्ष चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या में कमी आती है. जिसकी भरपाई कांवड़ यात्रा करती है. इस साल कांवड़ यात्रा की शिवरात्रि जल्दी आने के कारण गंगोत्री धाम में कांवड़ियों की भारी कमी देखने को मिली. इसका दूसरा मुख्य कारण है कि मानसून के दौरान दरकते पहाड़ और बंद सड़कों के कारण कई कावंड़ियों को जनपद मुख्यालय और आधे रास्तों से ही वापस लौटना पड़ा.