उत्तराखंड ओवर स्पीड और ओवरलोडिंग के कारण रोजाना लोगों की जान जा रही है, लेकिन पुलिस और परिवहन महकमे के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही। दोनों महकमे जिस तरह नाम मात्र के चालान काटकर अपनी जिम्मेदारी से हाथ झाड़ रहे हैं, वह ओवरस्पीड और ओवरलोड वाहन वालों और दोनों महकमों के बीच साठगांठ की ओर साफ इशारा कर रहा है।
देहरादून: सिर्फ दिखावे के चालान
जिले के जौनसार क्षेत्र में हर हादसों के लिए ओवरलोडिंग प्रमुख कारण रहता है। लेकिन पुलिस और परिवहन विभाग एक दो दिन अभियान चलाकर अगले हादसे तक चुप्पी साध लेते हैं। राजधानी देहरादून की सड़कों तक में ओवरस्पीड आम बात है। यहां पुलिस और परिवहन महकमे अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह असफल हो गए हैं।
रुद्रप्रयाग: नियमों का खुलेआम उल्लंघन
रुद्रप्रयाग में तीन महीनों में ओवरलोडिंग में सिर्फ 123 लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है। जबकि, ओवरस्पीड में मात्र 86 लोगों का चालान पुलिस ने किया है। इस कारण जिले की सड़कों पर हादसों का खतरा बना रहता है।
पौड़ी: खूब हो रहा नियमों का उल्लंघन
पौड़ी में भी यातायात नियमों का उल्लंघन धड़ल्ले से जारी है। यहां तीन महीने में पौड़ी में ओवरलोडिंग में 168 और ओवरस्पीड में 61 लोगों पर ही कार्रवाई हुई है। जिले में प्रमुख मार्गों पर ओवरलोडिंग खुलेआम जारी है।