सिडनी: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वहां की कई कंपनियों के CEOs से बात की। इनमें ऑस्ट्रेलिया सुपर के सीईओ पॉल श्रोडर, हैनकॉक प्रोस्पेक्टिंग की एग्जीक्यूटिव चेयरमैन जीना रिनेहार्ट और फोर्टेस्क्यु फ्युचर इंडस्ट्रीज के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन डॉ. एंड्रयू फॉरेस्ट शामिल रहे। पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई उद्योगपतियों को भारत में निवेश के लिए भी आमंत्रित किया।
इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ऑस्ट्रेलियाई अखबार को इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने कहा कि वे भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबंधों को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं। इसमें रक्षा (डिफेंस) और सुरक्षा संबंध शामिल हैं, जिससे इंडो-पैसेफिक क्षेत्र को बेहतर बनाया जा सके। बता दें कि पीएम मोदी, राजीव गांधी के बाद ऑस्ट्रेलिया जाने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत रिश्ता
पीएम मोदी ने कहा कि मैं ऐसा इंसान नहीं हूं कि जो आसानी से
संतुष्ट हो जाए और मैं जानता हूं कि ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज भी ऐसे ही हैं। मुझे
यकीन है कि हम जब सिडनी में मिलेंगे तो इस पर चर्चा होगी कि हम अपने रिश्तों को
अलग स्तर पर कैसे ले जा सकते हैं, साथ मिलकर बेहतर
काम कैसे कर सकते हैं और सहयोग को कैसे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत रिश्ता व भरोसा ही दोनों
देशों को रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में बेहतर साझेदारी के लिए प्रेरित करता है।
इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम
अच्छे दोस्त हैं और यही वजह है कि हर मुद्दे पर हम खुलकर बातचीत कर पाते हैं। ऑस्ट्रेलिया
अलग-अलग मुद्दों पर भारत के पक्ष को समझता है और यही दोनों देशों के बीच
द्विपक्षीय संबंधों की नींव है। उन्होंने AUKUS के तहत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के बीच
हुई सबमरीन डील पर कोई टिप्पणी नहीं की। पीएम
ने कहा कि ये
उनका निर्णय है। उन्होंने हमें डील और उसके पीछे के मकसद के बारे में जानकारी दी
है।