टिहरी बांध प्रभावित सरोट के ग्रामीणों को 17 साल बाद भी भवन का मुआवजा नहीं मिल पाया है, जिससे हरिद्वार विस्थापित किए गए ग्रामीण अधर में लटके हुए हैं। पुनर्वास निदेशालय ने पात्र विस्थापितों को जमीन तो आवंटन कर दी, लेकिन अभी तक भवन प्रतिकर भुगतान नहीं किया है। जिससे ग्रामीण विस्थापित क्षेत्र पथरी में अपने मकान नहीं बना पा रहे हैं। टिहरी बांध के आरएल 835-45 मीटर के दायरे में स्थित सरोट के ग्रामीणों की 50 फीसदी से अधिक जमीन डूब क्षेत्र में आने पर उन्हें पात्र विस्थापितों की भांति वर्ष 2004-05 में हरिद्वार (पथरी) में जमीन आवंटित की गई थी, लेकिन पात्र विस्थापितों के आवासीय मकान डूब क्षेत्र से बाहर होने के कारण पुनर्वास निदेशालय ने अभी तक उनको भवन प्रतिकर का भुगतान नहीं किया है।