गढ़वाल विवि के चौरास प्रेक्षागृह में पहला नाटक चरणदास चोर कलाकारों के बेहतर अभिनय से दर्शकों के दिल को छू गया। नाटक में चरणदास चोर और रानी के बेहतर अभिनय को दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। चरणदास चोर की बड़ी खासियत यह है थी कि वह झूठ नहीं बोलता। अपने गुरू के समक्ष लिए गए प्रणों को वह हर हाल में पूरा करता है। राजा का सिंहासन, रानी के प्रेम विवाह और मान प्रतिष्ठा पाने का अवसर तक ठुकरा देता है और चरणदास अपने प्राण भी न्यौछावर कर देता है। नाटक झूठ न बोलने तथा किसी के दिये गये प्रण के सम्मान का संदेश दर्शकों को बीच छोड़ गया। मध्य प्रदेश के नया थियेटर ग्रुप ने हिंदी लेखक, कवि और थियेटर निर्देशन हबीब तनवीर की अमर रचना चरणदास चोर का रोमांच नाटक की महोत्सव में प्रस्तुति दी।