इस वर्ष नौ जुलाई को केदारनाथ विस की विधायक शैलारानी रावत के निधन से यह सीट खाली हो गई थी। जिसके लिए आज मतदान हो रहा है। आज केदारनाथ विधानसभा के 90 हजार से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।उपचुनाव में कांग्रेस की ताकत केदारनाथ धाम के नाम पर दिल्ली में प्रतीकात्मक मंदिर का निर्माण, धाम से सोना गायब होना, केदारघाटी में आपदा के मुद्दे को ताकत मान रही है। 2017 में केदारनाथ विस जीत कर मनोज रावत ने महिला उम्मीदवार जीतने का मिथक तोड़ा था। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार भी मनोज रावत मिथक को तोड़ेंगे।वहीं उपचुनाव में भाजपा की ताकत का जिक्र करें तो प्रदेश और केंद्र में सरकार, केदारनाथ से सीधे पीएम मोदी का जुड़ाव, सीएम, मंत्री, विधायक और पार्टी पदाधिकारियों का प्रचार, महिला मतदाता बहुल सीट पर दो बार की विधायक रही महिला चेहरे आशा नौटियाल पर लगाया गया दांव, कराए गए विकास कार्य मजबूत पक्ष माने जा रहे हैं। भाजपा उम्मीद कर रही कि एक बार महिला प्रत्याशी पर लगाया गया दांव सही साबित होगा और महिला उम्मीदवार की जीत का मिथक दोहराएगा, जबकि नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास भाजपा का कमजोर पक्ष माना जा रहा।
बता दें कि केदारनाथ विधानसभा सीट पर सुबह नौ बजे तक कुल 4.30 फीसदी मतदान हुआ है। मतदान शाम 6 बजे तक जारी रहेगा। पोलिंग बूथों पर भी लोगों के आने का सिलसिला जारी है।