लखनऊ: राजधानी स्थित हजरतगंज इलाके में पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट के ढह जाने की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठित की गई है। इस कमेटी में लखनऊ आयुक्त रोशन जैकब, संयुक्त पुलिस आयुक्त पीयूष मोर्डिया और चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी लखनऊ को शामिल किया गया है। यह कमेटी एक हफ्ते में जिम्मेदार लोगों को चिह्नित कर रिपोर्ट देगी।
इस मामले में सपा के पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर के बेटे
नवाजिश शाहिद, उनके सहयोगी मोहम्मद तारिक और फहद याजदानी के
खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। नवाजिश को गिरफ्तार कर लिया गया है। हजरतगंज कोतवाली
में आईपीसी की धारा 308, 323, 420, 120 बी और 7 सीएलए में
एफआईआर दर्ज की गई है। दो मौत के बाद मामले में गैर इरादतन हत्या की धारा बढ़ाई गई
है। हजरतगंज थाने के सब इंस्पेक्टर दया शंकर द्विवेदी ने मामले में एफआईआर दर्ज कराते
हुए अपार्टमेंट के निर्माण में घटिया सामग्री के इस्तेमाल और निर्माण बिना
मानचित्र पास कराए कराने का आरोप लगाया है।
दो फरार आरोपियों की तलाश के लिए बनाई गईं पांच टीमें
लखनऊ पुलिस कमिश्नर एसबी शिरोडकर ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस
करते हुए बताया कि मलबे अब किसी के दबे होने की आशंका न के बराबर है, इसलिए जेसीबी व पोकलैंड मशीन से मलबा हटाने का काम शुरू
किया गया है। 24 से 48 घंटे का समय लग
सकता है। 14 लोगों को सकुशल निकाला गया है। दो महिलाओं की मौत हुई है। उन्होंने बताया
कि नवाजिश को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है और अन्य दो आरोपियों की तलाश
में लखनऊ पुलिस की पांच टीम लगाई गई हैं। मलबा हटाते वक्त जो कीमती चीज मिलेगी, उसे परिजनों को वापस दिया जाएगा। पुलिस विवेचना में एलडीए
के अधिकारियों की भी जांच होगी। कमिश्नर ने कहा कि अभी तक हमारी जानकारी के अनुसार
मलबे में किसी भी जीवित या मृतक के फंसे होने की सूचना नहीं है।
इसके अलावा एलडीए ने पूर्व मंत्री के बेटे नवाजिश, भतीजे तारिक और बिल्डर फहद याजदान को अवैध निर्माण के लिए
नोटिस भेज दिया है। अपार्टमेंट का निर्माण लगभग 4000 वर्ग फीट पर किया गया था। पांच मंजिला इस
इमारत को बनाने के समय न सेटबैक छोड़ा गया और न जरूरी संपर्क रास्ता। एलडीए के एक
अधिकारी के अनुसार, अभी तक इमारत का
कोई नक्शा सामने नहीं आया है।