प्रदेश में खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं और बढ़ने जा रही हैं। श्रीनगर और हल्द्वानी के सरकारी मेडिकल कालेजों में पीजी सीटें बढ़ने का सीधा फायदा विषम क्षेत्रों में स्वास्थ्य अवस्थापना सुविधाओं के विस्तर के रूप में सामने आएगा।
वर्तमान में श्रीनगर, देहरादून और हल्द्वानी में एमबीबीएस की क्रमश: 150, 200 और 150 सीटों पर दाखिले हो रहे हैं। एमबीबीएस की सीटों में इजाफा होने के बाद अब पीजी पाठ्यक्रम की सीटें बढ़ाने की पुरजोर पैरवी की जा रही है। ऐसा होने पर मेडिकल कालेजों में सिर्फ पीजी को ध्यान में रखकर टीचिंग फैकल्टी तो बढ़ानी पड़ेगी ही, साथ में स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे को भी विस्तार देना जरूरी होगा। दरअसल मेडिकल कालेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के अनुसार ही पीजी सीटों को मंजूरी मिलती है।