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Arunesh Pathaniya
• Fri, 31 Dec 2021 1:02 pm IST

खुलासा

चहेते आबकारी अफसर का मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने अपने जिले में करवाया तबादला


- सीएम धामी के पास है आबकारी विभाग, मंत्री ने सीधे विभागीय सचिव को पत्र लिखकर दिये थे स्थानांतरण आदेश
देहरादून। चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले गन्ना मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने अपने एक चहेते आबकारी अफसर का तबादला अपने जिले हरिद्वार में करवाया है। स्वामी ने सचिव आबकारी को डीओ लेटर लिखकर निर्देशित किया था कि ऊधमसिंह नगर में तैनात सहायक आबकारी आयुक्त अशोक कुमार मिश्रा को हरिद्वार में ट्रांसफर किया जाए। ट्रांसफर इस प्रकरण में सबसे रोचक यह है कि आबकारी विभाग सीएम पुष्कर सिंह धामी के पास है। मंत्री यतीश्वरानंद उनके बेहद करीबी हैं। ऐसे में सचिव आबकारी हरीश चंद्र सेमवाल ने भी अधिकारी को ऊधमसिंह नगर से हरिद्वार ट्रांसफर कर दिया। गन्ना मंत्री इससे पहले तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने भ्रष्टचार की जांच झेल रहे दागी अफसर को 'मलाईदार' पोस्टिंग देकर नवाजा था। उत्तराखंड में तबादलों में चहेते अफसरों को तरजीह देने का खेल नया नहीं हैं। प्रदेश में ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल हर सरकार में रहा है। भले ही भाजपा ने सत्ता में आने से पहले दावा किया था इस खेल को नहीं चलने देंगे। भाजपा के मौजूदा कार्यकाल के तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सत्ता में आने के बाद ऐसे कुछ मामले सामने आएं हैं, जिनमें मंत्रियों ने अपने चहेतों को पोस्टिंग दिलवाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया। इसी कड़ी में अब एक बार फिर स्वामी यतीश्वरानंद सुर्खियां बंटोर रहे हैं। स्वामी ने चुनाव से ठीक पहले चहेते आबकारी अफसर को ऊधमसिंह नगर से हरिद्वार  जिले में ट्रांसफर करवाया है। इसके लिए उन्होंने बाकायदा विभागीय सचिव को डीओ लेटर लिखकर निर्देशित किया। आम तौर पर मंत्री इससे बचते हैं, वह भी तब जब उनके पास संबंधित विभाग नहीं होता है। खैर स्वामी के पत्र पर उक्त अधिकारी का तबादला कर दिया गया है। चूंकि महकमा सीएम पुष्कर सिंह धामी के पास है तो निश्चित तौर पर विभागीय सचिव ने उनका अनुमोदन लेने के बाद ही तबादला किया होगा। अब सवाल तबादले पर नहीं बल्कि उसकी टाइमिंग पर उठ रहे हैं। तबादले तो अकसर मंत्री विधायक करवाते हैं, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने से ठीक पहले अपनी पसंद के आबकारी अफसर को अपने क्षेत्र में ट्रांसफर करने से विपक्ष को मुद्दा मिल गया है। अब देखना यह है कि विपक्ष इस मुद्दे को किस तरह से भुनाता है।
 
इससे पहले भी पोस्टिंग को लेकर विवादों में घिरे थे स्वामी
जून माह 2021 में गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने एक अफसर को गंभीर आरोप और व्यापक अनियमितताओं के चलते सस्पेंड किया था। इसके बाद उसे जांच पूरी होने से पहले ही बहाल करके सितारगंज चीनी मिल का महाप्रबंधक बना दिया। इस फैसले से मंत्री की भूमिका तो संदिग्ध हो ही गयी है वहीं धामी सरकार पर भी आरोप लगने शुरू हो गए हैं कि वो अपने मंत्रियों पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे हैं। गन्ना विकास व चीनी उद्योग मंत्री के इस फैसले से सरकार के खिलाफ विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है।