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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 27 Aug 2021 5:30 pm IST

खुलासा

दो अधिकारियों के निलंबन के बाद फिर छाया कुंभ का कोरोना जांच घोटाला


कई लोगों पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार
हरिद्वार। कुंभ मेले के बहुचर्चित कोरोना जांच घोटाले में शासन द्वारा दो अधिकारियों को निलंबित कर देने के बाद पूरा प्रकरण नए मोड़ पर आ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि अब निलंबित किए गए दोनों अधिकारियों को भी संबंधित मुकदमे में नामजद कर पुलिस कुछ अन्य लोगों पर भी शिकंजा कर सकती है। हरिद्वार कुंभ के दौरान सामने आए कोरोना जांच के घोटाले में अभी तक केवल एक ही व्यक्ति की गिरफ्तारी हो पाई है लेकिन अब प्रशासन द्वारा कराई गई जांच की रिपोर्ट शासन में पहुंचने के बाद पूरा प्रकरण नए सिरे से चर्चा में आ गया है।
इस बहुचर्चित मामले की जांच कर रही पुलिस की एसआईटी द्वारा डेलफिया लैब के मालिक आशीष वशिष्ठ की गिरफ्तारी काफी पहले कर ली गई थी हालांकि पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयासों की बात भी कहती रही है लेकिन पिछले कई दिनों से शासन में मुख्य विकास अधिकारी डॉ सौरव गहरवार द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट पर ही मंथन चल रहा था बीती शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष दिलचस्पी दिखाने के बाद शासन ने कुंभ मेले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एक ही सेंगर तथा नोडल अधिकारी डॉक्टर त्यागी को निलंबित कर दिया है । 
कुंभ मेले के दौरान एंटीजन जांच में बड़ा घोटाला किया गया था। जिसमें फर्जी एंट्रियां पोर्टल पर अपलोड कर भुगतान लिया गया है। जांच की रिपोर्ट ऐसे लोगों को भी भेज दी गई जो बताए गए दिन हरिद्वार आए ही नहीं थे इसके बावजूद उनकी जांच कैसे कर ली गई और रिपोर्ट कैसे मंगा ली गई इसे लेकर जब शिकायतें बाहर आने लगी तो पूरी दुनिया में कुंभ को लेकर काफी नकारात्मक स्थितियां बन गई थी । जब जांच की परतें खुली तो यह भी सामने आया कि कोरोना की जांच करने की जिम्मेदारी ऐसी लैब को दे दी गई थी जो इसके लिए मानक भी पूरे नहीं करती थी जांच कर टेंडर मिलने के बाद संबंधित लैब ने दूसरी एजेंसियों से मदद लेकर जांच कराई थी। घोटाला सामने आने के बाद हरिद्वार जिले के सीएमओ डॉ एसके झा की ओर से मुकदमा शहर कोतवाली में दर्ज कराया गया था। इस पूरे प्रकरण में कुंभ मेले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी समेत कई अन्य अधिकारियों की भूमिका पहले दिन से ही संदेह के घेरे में थी। सभी की नजर इस बात पर लगी हुई है कि आशीष वशिष्ठ की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के लंबे हाथ किस-किस प्रभावशाली व्यक्ति तक जाते हैं। गौरतलब है कि मैक्स कारपोरेट सर्विस नामक एक ऐसी लैब को कोरोना जांच का जिम्मा सौंपा गया था जिसके पास अपना लैब संबंधित तंत्र भी नहीं था उसने बाद में डॉक्टर चंदानी लैब और नलवा लैब से जुड़े लोगों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी।
...........एसआईटी से जुड़े अधिकारियों की बैठक संपन्न शीघ्र हो सकती है कार्रवाई 
कुंभ मेले से जुड़े कोरोना जांच घोटाले में दो अधिकारियों के निलंबित किए जाने के बाद शुक्रवार को पुलिस की एसआईटी से जुड़े अधिकारियों की बैठक रोशनाबाद में संपन्न हुई ऐसा माना जा रहा है कि जल्दी ही प्रकरण में और कार्रवाई की जा सकती है।