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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 18 Jul 2022 4:33 pm IST

एक्सक्लूसिव

इनसाइडर स्पेशल: मायावती के 'स्वार्थी रिश्तेदार' और निष्क्रिय किये गये नेता का पूरा सच ये है!


सुशील कुमार

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक ट्वीट कर अपने कथित रिश्तेदार पर निशाना साधा है। मायावती ने कई ऐसे लोगों पर निशाना साधा है जो पार्टी को कथित पर तौर पर कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं। आखिर यह साजिशकर्ता कौन हैं? कौन है वह रिश्तेदार जो मायावती के मुश्किल वक्त पर साथ नहीं दिया? कौन हैं बीएसपी में निष्क्रिय जो लगातार साजिश कर रहे हैं? मायावती के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वहीं पार्टी के अलावा दूसरी पार्टियों के लोग भी इस बात को जानने को उत्सुक हैं कि आखिर मायावती किसको टारगेट कर रहीं हैं। खासतौर पर मायावती अपनी स्पष्टवादिता के लिए जानी जाती हैं। बोल्ड डिसीजन के लिए भी वह विख्यात हैं। ऐसे में क्या हैं वो कारण कि मायावती बिना किसी का नाम लिये इस प्रकार से निशाना साध रहीं हैं। डेली इनसाइडर द्वारा इन्हीं सवालों के जवाब खंगालने पर कुछ राज निकलकर सामने आये हैं, जिनसे काफी हद तक तस्वीर साफ होती दिखाई दे रही है। मायावती ने कहा, ‘‘CBI की छापेमारी के बाद कुछ रिश्तेदार परिवार के साथ दिल्ली वाला घर छोड़ कर चले गए। मगर, सरकारी नौकरी छोड़कर भाई आनंद मेरी सेवा और पार्टी के काम में लगा है।’’


स्वार्थी रिश्तेदार कहीं मायावती के बड़े भाई तो नहीं?

मायावती छह भाई और दो बहनें हैं। इनके ज्यादातर भाई बहनों के नाम सामने नहीं आये। क्योंकि, मायावती ने परिवार को हमेशा राजनीति से दूर रखा। लेकिन, उनके छोटे भाई आनंद कुमार का नाम तब सामने आया जब आय से अधिक संपत्ति के मामलों में मायावती फंसी थीं। मायावती ने कई मौकों पर आनंद का जिक्र भी किया था। हालांकि मायावती के एक और भाई सिद्धार्थ का नाम भी सामने आता रहता है। सिद्धार्थ मायावती से बड़े हैं और आनंद छोटे। हालांकि आनंद अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। लेकिन मायावती ने जिस ट्वीट में कहा है कि-'CBI की छापेमारी के बाद कुछ रिश्तेदार परिवार के साथ दिल्ली वाला घर छोड़ कर चले गए...' वह कोई रिश्तेदार नहीं बल्कि वही बड़े भाई सिद्धार्थ के लिए यह शब्द हैं।

इस बात की पुष्टि के लिए एक और खबर की ओर आपका रूख कराते हैं। 28 नवंबर 2011 को The Economic Times में एक खबर छपी है। जिसका शीर्षक है 'CBI may target my brother: Mayawati' इस खबर में एक जगह लिखा है कि 'She said that her elder brother Siddharth Kumar used to stay with her earlier and take care of her needs. "But he got scared in 2003, when raids were carried out by central investigative agencies at my residence. This was a crucial time. Kanshi Ram was suffering from brain stroke and undergoing medical treatment, while I was coping with political upheavals. It was at this critical juncture that Anand Kumar came to me at the Humayun Road residence in Delhi and said that he will be there for me an ..

इसका हिंदी अनुवाद भी आपको बताते हैं। उन्होंने (मायावती) कहा कि 'उनके बड़े भाई सिद्धार्थ कुमार पहले उनके साथ रहते थे और उनकी जरूरतों का ख्याल रखते थे। लेकिन वह 2003 में डर गये, जब मेरे आवास पर केंद्रीय जांच एजेंसियों ने द्वारा छापेमारी की गई थी। यह एक कठिन समय था। कांशीराम ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। जबकि मैं (मायावती) राजनीतिक उथलपुथल का सामना कर रही थी। ऐसे क्रिटिकल समय पर आनंद कुमार दिल्ली के हुमायूं रोड स्थित मेरे आवास पर आये और कहा कि वह मेरे लिये वहां रहेंगे और उनको बदले में कुछ भी नहीं चाहिए।

मायावती को अचानक क्यों करना पड़ा ये ट्वीट

अब सवाल उठता है कि मायावती को यह ट्वीट क्यों करना पड़ा? तो इसका जवाब भी हमने ढूंढने की कोशिश की है। दरअसल मायावती ने बसपा की कमान को अब अपने भतीजे और आनंद कुमार के भतीजे आकाश आनंद को देने की तैयारी कर ली है। इस बीच सियासी मैदान में पहले से मायावती के साथ रहे उनके बड़े भाई जो सीबीआई के डर से भाग गये थे, सिद्धार्थ कुमार ने लॉबिंग शुरू कर दी है। जिसके बाद मायावती ने इस लॉबिंग की चाल को समझते हुए यह ट्वीट किया है। दरअसल नई दिल्ली से प्रकाशित होने वाले साझा अखबार नामक साप्ताहिक अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है। जिसमें 24 से 30 अप्रैल के प्रकाशित अंक में 12 नंबर पेज पर आर पी दुबे का एक लेख प्रकाशित है। जिसका शीर्षक है 'सिद्धार्थ भी हो सकते हैं मायावती के उत्तराधिकारी!' इस लेख में सिद्धार्थ के पक्ष कई सारी बातें कहीं गईं हैं। जिसका असर समाज के लोगों पर काफी पड़ सकता है।


सिद्धार्थ की सक्रियता से होगी उथलपुथल

सूत्रों का दावा है कि सिद्धार्थ भी राजनीतिक रूप से सक्रिय हो रहे हैं। ऐसे में बसपा पर वो भी अपना दावा ठोंक सकते हैं। जबकि मायावती अब आनंद कुमार और उनके बेटे आकाश आनंद को पार्टी की कमान सौंपने का मन बना चुकीं हैं। ऐसे में परिवार से ही किसी सदस्य का दावा होने पर इन दोनों के सामने राजनीतिक संकट सकता है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे में मायावती ने बिना नाम लिये ही सिद्धार्थ कुमार के खिलाफ पहले से ही माहौल तैयार कर रहीं हैं।

पार्टी में कौन है वह निष्क्रिय जो कर रहा साजिश!

मायावती के दूसरे अन्य ट्वीट को पढ़ें तो उसमें उन्होंने पार्टी के उन निष्क्रिय लोगों पर वार किया है जो कमजोर करने की साजिश कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह निशाना पार्टी के एक महासचिव पर है। जिसने 2022 के विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े दावे किये थे, लेकिन परिणाम बिल्कुल उलट आये थे। जिसके बाद से वो मायावती के निशाने पर हैं। पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखने वाले इस नेता को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि वह बहुत जल्द ही पार्टी को बाय बोल सकते हैं। वहीं पार्टी से बाहर हुए बड़े दिग्गजों ने वापसी के सवाल पर इस नेता का नाम लिया है और साफ कह दिया है कि जब तक वह पार्टी में बने रहेंगे, वह वापस नहीं लौटेंगे। रणनीतिकार के रूप में लगातार फेल हो रहे इस नेता की विदायी अब तय मानी जा रही है। ऐसे में मायावती पार्टी को एक बार फिर से नये सिरे से खड़ाकर इसको भाई और भतीजे को सौंपना चाहतीं हैं।