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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 17 Jan 2022 12:19 pm IST

खुलासा

चुनाव आयोग के आबकारी आयुक्त बदलने से सीएम धामी पर उठे कई सवाल


देहरादून। आबकारी विभाग में आचार संहिता से पहले सचिव और आयुक्त आबकारी पद पर हरीशचंद्र सेमवाल की नियुक्त करने के आदेश चुनाव आयोग ने रद्द कर दिये हैं। चुनाव आयोग को अपने सूत्रों से यह जानकारी मिली कि हरीश चंद्र सेमवाल सत्तारूढ़ दल को फायदा पहुंचा सकते हैं। सीएम धामी के फैसले को पलटते हुए आयोग ने न केवल सेमवाल से आयुक्त का पद छीना बल्कि उनको सचिव पद से भी हटाया है। दोनों पदों पर साफ सुधरी छवि के अधिकारी को तैनात किया गया है। सीएम धामी ने नितिन भदौरिया को आयुक्त के पद से हटाया था, आयोग ने दोबारा उसी को आयुक्त बनाया है। आयोग के इस कदम से सीएम पुष्कर सिंह धामी के कामकाज पर सवाल खड़े हो गए हैं।  
दरअसल, सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले सात जनवरी को आबकारी आयुक्त के पद से नितिन भदौरिया को हटाते हुए सचिव आबकारी हरिचंद्र सेमवाल को ही आयुक्त की जिम्मेदारी भी दे दी थी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए सोशल मीडिया में पोस्ट डाली थी।
वहीं, कांग्रेस नेता भी लगातार सरकार के इस कदम की आलोचना कर रहे थे। शनिवार को चुनाव आयोग के आदेश के बाद सचिव कार्मिक अरविंद सिंह ह्यांकी ने हरिचंद्र सेमवाल को आबकारी सचिव और आबकारी आयुक्त की दोनों जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया। उनके पास शेष विभाग यथावत रहेंगे।

आबकारी सचिव पद पर शासन ने सचिव राजस्व एवं वन रविनाथ रमन को अतिरिक्त प्रभार दिया है। जबकि आबकारी आयुक्त के पद पर नितिन भदौरिया की वापसी की गई है। अपर सचिव पेयजल, पंचायती राज आदि विभागों के साथ उन्हें आबकारी आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उधर, कांग्रेस नेता मथुरादत्त जोशी ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में चुनाव आयोग को शिकायत भी की थी।

सचिव बनते ही चर्चाओं में आ गए थे हरिचंद्र सेमवाल
दरअसल, सरकार ने दिसंबर में हरिचंद्र सेमवाल को आबकारी सचिव बनाया था। सचिव पद की जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने आबकारी विभाग में ताबड़तोड़ तबादले कर दिए थे। दस जिला आबकारी अधिकारियों के तबादलों से वह चर्चाओं में आए थे। इसके बाद सरकार ने जनवरी में उन्हें आबकारी सचिव के साथ ही आबकारी आयुक्त की जिम्मेदारी भी दे दी थी।