देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आचार संहिता लगने से ठीक पहले अपने बर्खास्त जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट को बहाल कर दिया है। बिष्ट वहीं अधिकारी हैं, जिन्हें सीएम ने उनके एसएसपी बागेश्वर को लिखे पत्र के लिए बर्खास्त कर दिया था। बिष्ट ने सीएम के हवाले से एसएसपी को पत्रलिखकर अवैध खनन में संलिप्त तीन गाड़ियों का चालान रद्द करने को कहा था। इस पत्र के बाद विपक्ष ने सीएम पर खनन प्रिय मुख्यमंत्री होने के आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया था। अवैध खनन करते पकड़े गए डंपर को छुड़ाने को लेकर जिला प्रशासन को सीएम के मौखिक आदेश को लिखित आदेश में तब्दील कर दबाव बनाने के मामले की जांच कराई गई। जिसमें नंदन सिंह बिष्ट पूरी तरह से पाक साफ पाए गए और जांच में शिकायत में ही खोट पाया गया। लिहाजा नंदन सिंह बिष्ट को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पद से हटाया गया और आचार संहिता से कुछ घंटे पहले दोबारा नियुक्ति कराकर मुख्यमंत्री धामी ने अपनी भूल सुधार कर ली। अब यह अलग बात है कि पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट को दोबारा तैनाती दिलाकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजनीतिक विरोधियों को हमलावर होने को बैठे बिठाए अच्छा मौका दे दिया है। आखिर नंदन सिंह बिष्ट का पत्र विधानसभा के आखिरी सत्र के समय उजागर हुआ था जिसके बाद विपक्षी कांग्रेस से लेकर मीडिया ने इस मुद्दे पर जमकर धामी सरकार को घेरा। लेकिन अब चुनाव में जाते-जाते मुख्यमंत्री धामी के सलाहकारों ने नंदन की पुन: नियुक्ति कराकर नए सिरे से खनन के खेल में सरकार की घेराबंदी का मौका दे दिया है।