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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 9 Aug 2022 5:53 pm IST


की साजिश केर शिकार अछि दरभंगा हवाई अड्डा


साजिश, ई एकटा एहन शब्द अछि जकर सभ सं बेसी शिकार मिथिला भ’ रहल अछि। ई कहबै जे ओकरा संग ई साजिश पिछला दू-चारि साल में शुरू भेल अछि त’ से गलत हैत। मिथिला केर संगे एकर शुरुआत त’ तहिये भ’ गेल छल जखन बिहारक सत्ता मिथिले केर एकटा सपूतक हाथ मे छल। ओकरा बाद केर शासक कें हुनके सं मिथिला केर शोषण करबाक प्रेरणा भेटल जे कि एखन धरि जारी अछि आ मिथिला लगातार पिछड़ल जा रहल अछि। चाहे जूट मिल हुए कि चीनी मिल वा फेर पेपर मिल, एक-एक कें सभटा बंद क’ देल गेल। बहुतो रास निराशा सभक बीच जखन दरभंगा मे हवाई अड्डा शुरू भेल त’ उम्मीद जागल कि फेर सं मिथिला मे विकास केर बयार बहत। मुदा नहि। आब हवाई अड्डा केर संगे सेहो साजिश करब शुरू क’ देल गेल अछि।

बता दी कि दरभंगा हवाई अड्डा केर शुरुआत उड़ान योजना केर तहत आई सं करीब दू साल पहिने भेल छल। देश मे आर-आर ठाम सेहो एहि योजना केर तहत हवाई अड्डा सभक शुरुआत भेल। मुदा जतेक सफलता दरभंगा कें भेटल ओतेक आर ककरो नहि। कमाई केर मामला मे ई कतेको पुरान हवाई अड्डा सभ कें पाछू छोड़ि देलक। एतय सं दिन भरि मे आगमन आ प्रस्थान करय वला विमानक संख्या कम-सं-कम 16 रहैत छल। मुदा आब स्थिति ई अछि जे ई संख्या घटि कें छह पर आबि गेल अछि। जतय एक दिन मे एतय सं 2200-2500 केर करीब यात्री संख्या दर्ज कैल जाइत छल ततय आई 700-750 यात्री रहैत अछि।
जारक मास मे विमानक संख्या कम होयबाक पाछू तर्क देल जाइत छल कि कोहरा मे एतय दिक्कत होइत छैक। एखन एतय ओ टेक्नोलॉजी नहि लागल अछि जाहि सं कि विमान कें कोहरा मे उतारल जाय। अहिना बरसात मे कहल जाइत छैक कि लैंडिंग मे दिक्कत होइत छैक, तें सेवा प्रभावित होइत अछि। मुदा, एहि महिना, मतलब जुलाई मे त’ एहन बर्षा नहि भेल जाहि सं कि विमान कें उतरबा वा उड़बा मे कोनो व्यवधान छल। तखन किएक नहि सेवा नियमित अछि। ई सभ साजिश केर तहत भ’ रहल अछि। आब जार आबै बला अछि। कहीं एहन नहि हुए कि जे दू-चारि टा जहाज आबि रहल अछि ओकरो ई कहि कें बंद क’ देल जाय कि कोहरा मे दिक्कत भ’ रहल छैक। एकरा बाद जार तं बीति जैत मुदा फेर कहीं दोबारा सं जहाज देखबा लेल नहि भेटय।

खैर, अगर साजिश कें नीक जकां बुझबाक अछि त’ एकर सभसं पैघ उदाहरण अछि सभसं व्यस्त रूट दिल्ली आ मुंबई पर केवल एकटा विमानन कंपनी कें उड़ानक अनुमति देनाई। एहन बात नहि छैक जे आन-आन कंपनी सभ दरभंगा सं सेवा देबाक लेल रुचि नहि देखौलक अछि, मुदा ककरो आर कें अनुमति नहि भेटि रहल अछि। नतीजा अछि कि मौजूदा कंपनी यात्री सभ सं मनमाना टिकट वसूल करैत अछि। जतय पटना केर भाड़ा 4000 रुपया होइत अछि त’ दरभंगा केर भाड़ा 11000 हजार तक रहैत अछि। आब पटना सं मिथिला जयबाक लेल गांधी सेतु पर लगय वला जामक झंझट खत्म भ’ गेल अछि। तें लोक दरभंगा केर जगह पटना कें प्राथमिकता देबय लागलाह अछि।

दोसर सभ सं पैघ साजिश ई अछि जे दू साल केर भीतर एतेक आमदनी भेला केर बावजूदो एयरपोर्ट पर कोनो तरहक सुविधा नहि देल गेल अछि। लोक कें टर्मिनल धरि पैरे चलि कें जयबाक लेल बाध्य होमय पड़ैत अछि। हालांकि आब टर्मिनल बिल्डिंग धरि गाड़ी ल’ जेबाक अनुमति भेटि गेल अछि, मुदा एखनहुं बहुत रास समस्या सभ सं जुझय पड़ैत अछि। जेना कि टर्मिनल बिल्डिंग मे यात्री केर बैसबाक लेल व्यवस्था केर घोर अभाव अछि। एतय तक कि पैन-बुन्नी मे त’ कतेको बेर यात्री अपने त’ भिजिते छथि, सामान सभक सेहो दुर्गति भ’ जाइत अछि। एना मे जे एक बेर एतय आबि जाइत छथि, दोसर बेर अयबा सं पहिने हजार बेर सोचैत छथि। एहन बात नहि छैक जे ई सभ समस्या सं मिथिला केर राजनेता वा सरकारक अधिकारी लोकनि परिचित नहि छथि। मुदा सभ कें बूझल छनि। पहिनहियो त’ मिथिला केर संग साजिश भेलै, कहां कोनो आवाज उठलै। आबो नहि उठतै।

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स