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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 4 Jan 2023 1:22 pm IST


साल बदल गया, अगर कुछ नहीं बदला तो वह है...


साल बदल गया लेकिन अगर कुछ नहीं बदला तो हमारी कार्यक्षमता और क़ाबिलियत। यह दो ऐसी चीज़ें हैं जिसे बढ़ाने की दिशा में हमेशा काम होना चाहिए।

हो सकता है कि पिछला वर्ष किसी के लिए बहुत अच्छा तो किसी के लिए बुरा रहा हो लेकिन इन सबमें सबसे अच्छी बात यह है कि हम लोग सकुशल इस धरा पर हैं।

कुछ लोगों सफलता के नए पायदान को छू रहे होंगे तो कुछ उन पायदानों से फिसल गए होंगे, कुछ ने जहां से शुरुआत की होगी वहां पहुंच गए होंगे लेकिन सबका अपना संघर्ष जारी है।


पहले जीवन इतना कठिन नहीं था लेकिन वर्तमान समय में हर स्तर पर संघर्ष है और संघर्षों का आलम यह है कि रोज के संघर्षों के बाद आपके पास खुद के लिए भी समय नहीं बचता।

यह वास्तविकता है कि जब आप संघर्ष कर रहे होते हैं तो बहुत से लोग आपके साथ नहीं होते हैं, विशेषकर वह जो आपकी सफलता पर खुद को आपका क़रीबी दर्शाते हैं, वहीं आपकी असफलता पर आपको कोसते नज़र आते हैं।

जब सारी दुनिया धुंधली नज़र आने लगती है जो माता – पिता ही हाथ पकड़कर उस धुन्ध के छटने का इंतजार करते हैं, बाकी कुछ लोगों को सब अन्य रास्तों पर रुकसत हो चुके होते हैं इसलिए जीवन में जब कभी प्राथमिकता तय करनी हो तो अपने उन लोगों को हमेशा प्राथमिकता देनी चाहिए जो आपके बुरे वक्त में साथ रहे हों।

जब हम घर से चलते हैं तो अकेले होते हैं लेकिन ज़िन्दगी के इस सफ़र में कई साथी मिलते और बिछड़ते हैं लेकिन कुछ साथी ऐसे भी होते हैं जो आजीवन साथी रह जाते हैं।

नये साल में इस चीज़ पर मन्थन करने की जरूरत है कि हमारा जो लक्ष्य पिछले वर्ष था हम उसके कितने क़रीब रहे, अगर लक्ष्य से चुके तो क्या कमियां थीं और अब हम अपनी कमियों को दूर करने के लिए क्या कर रहे हैं।

हमनें प्रकृति की रक्षा के लिए, अपनों के लिए पिछले एक वर्ष में क्या किया यह भी मंथन करने की जरूरत है क्योंकि हमारा भविष्य भी भूतकाल को ध्यान में रखकर लिए गये निर्णयों से प्रभावित होता है।

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स