नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस महीने की शुरुआत में चंडीगढ़-लेह उड़ान के दौरान कॉकपिट में एक अनधिकृत व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति देने के मामले में एयर इंडिया के एक पायलट का लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित कर दिया है। डीजीसीए की ओर से गुरुवार को एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई। बता दें कि डीजीसीए ने इस साल फरवरी में दुबई-दिल्ली उड़ान में हुई इसी तरह की घटना की रिपोर्ट नहीं करने के लिए पिछले महीने एयर इंडिया पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
डीजीसीए की ओर से कहा गया है कि पायलट इन कमांड का लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित कर दिया गया है, जबकि फर्स्ट ऑफिसर का लाइसेंस एक महीने की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है। डीजीसीए ने तीन जून को हुई घटना के बाद जांच लंबित रहने तक दोनों पायलटों को सेवा से हटाने का आदेश दिया।डीजीसीए के सुरक्षा मानदंडों के अनुसार, अनधिकृत लोगों को कॉकपिट में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है और ऐसा कोई भी मामला नियमों का उल्लंघन है। डीजीसीए ने अपने बयान में कहा, “मेसर्स एयर इंडिया की उड़ान एआई-458 (चंडीगढ़-लेह) के पायलट-इन-कमांड ने तीन जून को प्रस्थान के दौरान एक अनधिकृत व्यक्ति को कॉकपिट में आने की अनुमति दी और वह व्यक्ति पूरी उड़ान के दौरान कॉकपिट में ही रहा।” बयान में यह भी कहा गया कि फर्स्ट ऑफिसर ने कॉकपिट में व्यक्ति के अनधिकृत प्रवेश पर "कोई चिंता नहीं जताई" या मानदंडों के उल्लंघन की रिपोर्ट नहीं की।