भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में कोटा की सामान्य समीक्षा को तेजी से पूरा करने की वकालत करते हुए कहा कि इससे संकटग्रस्त देशों की बेहतर मदद मिल सकती है।वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए दास ने कहा कि हाल के अनुभव बताते हैं कि वित्तीय कठिनाइयों का सामना करने वाले देश 'कथित कलंक' या पहुंच की कमी के कारण आईएमएफ से परे अन्य निकायों में जाते हैं।
दास ने कहा, "एक बड़ा और मजबूत आईएमएफ जो देशों के जोखिमों के स्तर का प्रबंधन करने में सक्षम हो बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा।"
उन्होंने कहा कि चूंकि किसी देश को आईएमएफ का समर्थन देशों के कोटा आकार से जुड़ा होता है, इसलिए शासन सुधार सहित कोटा और इसकी आवश्यकताओं की सोलहवीं सामान्य समीक्षा को तेजी से पूरा करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, दास ने कहा कि हरित संक्रमण के वित्तीय प्रभावों के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। उनके अनुसार, विशेष रूप से उभरते देशों में हरित पूंजी प्रवाह को बढ़ाने की भी तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि एक वैश्विक ऋण डेटा साझाकरण मंच विकसित करने की आवश्यकता है।