भारत दुनिया का सबसे अमीर देश नहीं है, लेकिन यहां कर संग्रह काफी अधिक है। ऐसे में आयकर की दर को मौजूदा करीब 40 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी किया जाना चाहिए। अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने कहा, आर्थिक वृद्धि की गति को तेज करने के लिए कर की दर में कमी करना जरूरी है।उन्होंने कहा, हम दुनिया में बहुत अधिक वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था हैं। यदि आप भारत में कर संरचना को देखते हैं, तो करों का संग्रह काफी अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य, केंद्र और स्थानीय निकायों का कर संग्रह भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का करीब 19 फीसदी है। हमें इसे दो फीसदी कम करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।