प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने सोमवार को कहा कि जीएसटी प्रणाली में सिर्फ एक दर होनी चाहिए। इससे मुकदमेबाजी कम होगी और प्रशासनिक अनुपालन बढ़ेगा। हालांकि, मुझे नहीं लगता है कि कभी ऐसा होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी इस राय को ईएसी-पीएम का सुझाव नहीं माना जाए।
ईएसी-पीएम के चेयरमैन ने कहा कि अभिजात्य प्रकृति व अधिक उपभोग वाले उत्पादों पर कर की अलग-अलग दरें हटा दी जाएं तो इससे मुकदमेबाजी कम होगी। इसलिए हमें यह समझने की जरूरत है कि उत्पाद कोई भी हो, जीएसटी दर एक होनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि कॉरपोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर के बीच कृत्रिम अंतर को समाप्त किया जाना चाहिए। इससे प्रशासनिक अनुपालन का बोझ कम होगा।