टमाटर की आसमान छूती कीमतों ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है। चिंताजनक बात यह है कि इसका अन्य उत्पादों की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है, जिससे महंगाई बढ़ने का जोखिम बना हुआ है। आरबीआई ने सोमवार को एक लेख में कहा, पिछले कुछ दिनों में टमाटर के दाम 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
इसका मुख्य कारण बारिश और कीटों के हमले के कारण टमाटर की फसल को होने वाला नुकसान है। खुदरा कीमतों में भारी वृद्धि के बीच केंद्र ने लोगों को राहत देने के लिए 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर टमाटर बेचना शुरू कर दिया है। हालांकि, टमाटर के दाम घटने लगे हैं। सोमवार को इसकी अखिल भारतीय औसत कीमत लगभग 120 रुपये प्रति किलोग्राम रही। एजेंसी
आपूर्ति शृंखला में व्यापक सुधार की जरूरत
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम के लेख के मुताबिक, समग्र महंगाई में अस्थिरता लाने में टमाटर की कीमतों का ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसकी आसमान छूती कीमतों का खुदरा और थोक बाजारों में अन्य सब्जियों के दाम पर असर पड़ा है। पिछले कुछ वर्षों में कीमतों में बढ़ोतरी से समग्र महंगाई की अस्थिरता को नियंत्रित करने के लिए आपूर्ति शृंखला में सुधार की जरूरत है।