बीमा कंपनियों और इनके मध्यस्थों ने एक जुलाई, 2017 से फर्जी खर्च दिखाकर 30,000 करोड़ रुपये की कर चोरी की है। हालांकि, ब्याज और जुर्माना लगाने पर यह रकम इससे भी ज्यादा हो सकती है। इसका पता चलने पर आयकर विभाग इन कंपनियों को अब नोटिस भेजकर इसकी वसूली शुरू करने की तैयारी में है। इसमें 30 बीमा कंपनियां, 68 एजेंट एवं अन्य मध्यस्थों का पता चला है।आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम कंपनियों को जुर्माने और ब्याज के साथ अलग से डिमांड नोटिस भेज रहे हैं। उन्हें इसका जवाब देने या कानूनी लड़ाई के लिए अनिवार्य समय मिलेगा। जानकारी के मुताबिक, इसमें कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर फर्जी खर्च भी शामिल हैं। इन कंपनियों ने बढ़ा-चढ़ाकर विज्ञापन और अन्य कार्यक्रमों के बिल भी दिखाए हैं। इन सभी का विवरण विभाग को मिला है। ब्यूरो
आयकर विभाग ने पिछले साल शुरू की थी जांच
पिछले साल आयकर विभाग ने जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) के साथ मिलकर जांच शुरू की थी। इसमें पता चला था कि कुछ बीमा कंपनियां कमीशन पर जीएसटी की चोरी कर रही थीं। एजेंटों और मध्यस्थों को मंजूरी से ज्यादा भुगतान कर रही थीं। भुगतान उन चालानों के आधार पर किया गया था, जिन्हें आयकर अधिकारियों ने फर्जी बताया था।