चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पिछली चार तिमाहियों में सबसे तेज रही। इसकी प्रमुख वजह कृषि और सेवा क्षेत्र का दमदार प्रदर्शन है। इसके साथ भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इससे भारतीय बाजार में वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 17.6 फीसदी रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 10.5 फीसदी रही थी। कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 4.5 फीसदी रही। 2021-22 की पहली तिमाही में 2.2 फीसदी रही थी। वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की विकास दर 2.3 फीसदी से बढ़कर 9.2 फीसदी पहुंच गई। इसके अलावा, बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाओं की वृद्धि दर 14.7 फीसदी रही, जो 2021-22 की समान तिमाही में 13.8 फीसदी थी। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं के बढ़ने की दर 6.2% से बढ़कर 26.3% पहुंच गई। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, सितंबर तिमाही में वृद्धि दर नरम पड़ेगी क्योंकि तुलनात्मक आधार अब सामान्य हो रहा है।