दुनिया भर की सहकारी संस्थाओं की आवाज को एक मंच पर लाने के लिए विश्व आर्थिक सहकारी मंच-डब्ल्यूकॉपईएफ का गठन किया गया है। इसमें पूरी दुनिया की तीन करोड़ से ज्यादा सहकारी संस्थाएं शामिल हैं। सहकारी क्षेत्र के अग्रणी लोगों की पहल पर गठित विश्व सहकारी आर्थिक मंच सहकारी संस्थाओं के एक ऐसे प्लेटफार्म के रूप में काम करेगा, जो समक्ष वैश्विक स्तर पर क्षेत्र के मुद्दों को सरकार और हितधारकों के समक्ष उठाने के साथ-साथ सहकारी आंदोलन को आगे बढ़ाएगा। सहकारिता इस समय दुनिया के कुल कर्मचारियों में से 10 फीसदी की आय का साधन है।
इस समय दुनिया में 300 बड़ी सहकारी संस्थाएं हैं, जो कई आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध करा रही हैं। इसके माध्यम से 174.3 करोड़ की आय उत्पन्न की जा रही है। सहकारिता कई देशों के बाजार में बीमारू उद्योगों को पुनर्जीवित कर रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के सशक्तिकरण, रोजगार के अवसर और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहकारी क्षेत्र उन देश की अर्थव्यवस्थाओं के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है। मंच के संस्थापक सदस्यों में शामिल दिलीप भाई संघानी ने कहा की डब्ल्यूकॉपईएफ की यात्रा व्यावहारिकता के धरातल पर क्षमता मूलक अर्थव्यवस्था के विचार के साथ शुरू हो रही है। हम अंतरराष्ट्रीय सहकारी आर्थिक व्यवस्था के साथ नए विमर्श की शुरुआत कर रहे हैं। इसके चलते कई चुनौतियां उभरी हैं, जिसके निराकरण के लिए एक नए मंच की जरूरत है, जो इस सेक्टर की समस्याओं को चुनौतियों के समाधान के लिए उनका आकलन करेगा, और उसके लिए एक उचित नीति विकसित करेगा। जो पूरी दुनिया के लिए मान्य होगी।