पहला - “ ज्योतिर्मठ पर आफ़त का टूटना यानी की बाबा बद्री की पूजा में लीन देवताओं का रुठना” , दूसरा - “ परंपरा-दस्तूर से दूर हो गए इसलिए व्याकुलता को मजबूर हो गए” और तीसरा – “ ये जो कुदरत का प्रकोप है ये दरअसल नवदुर्गा का कोप है” ....देखिए ये तीनों ही कथन साधारण नही हैं। बल्कि ये वो धार्मिक तर्क हैं जिनता संबंध जोशीमठ आपदा से जोड़कर देखा जा रहा हैं।