ये नही कह रहे की राजनीति के शूरों मे सहमती नही होती लेकिन हां इतनी दफा नही होती जितनी बार उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ रही है। सोच रहे है की अब कैसे दिग्गजों की राहें साथ आई – प्रदेश को लेकर सीएम की कौन सी चिंता विपक्ष को भाई – कैसे सहमति के पुलिंदे ने पुरानी याद ताजा की है और आखिर कब कब पूर्व मुख्यमंत्री ने सीएम के सुझावों पर रजा सांझा की है ? तमाम सवालों का रिपोर्ट मे जवाब ..