राजनैतिक दलों की चुनावी रैलियों से मूल मुद्दे मानो गायब हो गए हों। पार्टियों के बीच में धर्म, आरक्षण, मंगलसूत्र, संपत्ती, विरासत, तुष्टीकरण, मुस्लीम लीग, ओबीसी, राम मंदिर और सोने को लेकर जुबानी जंग छिड़ी हुई है। नेताओं का जनसंबोधन इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूम रहा है। रिपोर्ट देखिए और मामला समझिए....