जोशीमठ के अस्तित्व को जो आपदा आज निगलना को पैंठी हैं वो तो इंतजार में 1976 से बैठी है...कईं मौकों पर संभावित खतरे को लेकर चेताया भी गया लेकिन न यूपी का हिस्सा बने रहते हुए और न उससे अलग होने के बाद ही शहर की स्थिती की ओर ध्यान दिया गया – बल्कि उसे सुरक्षित रखने के स्थान पर काल के मुह में धकेल दिया....