भाजपा संगठन के एक फैसले ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ऐसे समर मे उतार दिया जहां न मौका है अपना खोया मान वापस पाने का बल्कि सबसे बड़ा जननेता बनकर उभरने का भी। हालाकी धामी की जो ये मंशा है ये जनता की मर्जी पर निर्भर करती है- उसी जनता की जिसने अपनी इच्छा मंगलवार को ईवीएम मे कैद कर दी है....