जोशीमठ का अस्तित्व आज भू धंसाव की जद में आकर ढहता दिख रहा है....सबसे बड़ी विड़ंबना तो ये है की यहां के लोगों की वेदना का कारण सिर्फ नगर की भौगोलिक स्थिति नही है बल्कि जोशीमठ के समक्ष खड़े खतरे के लिए शासन-प्रशासन का मूकदर्शक बने रहना भी कहीं न कहीं जिम्मेदार है.