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• Thu, 1 Apr 2021 5:48 pm IST


क्या मानवों का हस्तक्षेप है हाथियों के मौत का कारण ?? देखें विशेष रिपोर्ट



उत्तराखंड का अधिकांश हिस्सा घने जंगलों से घिरा है। इन जंगलों में विभिन्न प्रजातियों का वास है। इन प्रजातियों में सबसे बड़ी प्रजाति है हाथी की।  वन क्षेत्रों में हाथियों के उपद्रव की अनेक घटनाएं होती हैं। इसके बावजूद हाथियों का संरक्षण जरूरी है। हाथी हमारे पारिस्थितिक तंत्र यानि ecological system की एक महत्वपूर्ण इकाई है। पर्यावरण की रक्षा के लिए हाथियों का संरक्षण जरूरी है। एक हाथी की मौत से बड़ा नुकसान होता है। आजकल कुछ दिनों से हाथियों के मौत के आंकड़े भी बढ़े हैं। इनमें से ज़्यादातर नुक्सान हाथियों और मानवों के संघर्ष की वजह से होता है। कभी हाथी के करंट लगने से मौत हो जाती है तो कहीं रेलवे ट्रैक जानलेवा साबित होते हैं। वन विभाग की जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में 2020 में हुए हाथियों की गणना में हाथियों की संख्या करीब 2000 आंकी गयी थी। पर आये दिन हाथियों की मौत की वजह जानने के लिए वन विभाग के अपर प्रमुख वन सरंक्षक आर के मिश्र ने देवभूमि इनसाइडर से बात की।