धारचूला ब्लॉक ग्राम पंचायत पांगला और जयकोट में संचार सेवा का माध्यम न होने से लोगों को नेपाली संचार कंपनियों का सहारा लेना पड़ रहा है। लोग लंबे समय से व्यवस्थाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं। इसके बाद भी व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले ग्राम पंचायत पांगला और जयकोट में कोई भी संचार माध्यम न होने से 1700 से अधिक की आबादी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग मजबूरन नेपाली संचार कंपनियों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे प्रतिमाह लगभग सात से आठ लाख रुपये का राजस्व प्रति महीना नेपाल को जा रहा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण नंगपुरिया का कहना है कि तीन जीआईसी, चार प्राथमिक विद्यालय, पुलिस चौकी और एक सुरक्षा कर्मियों की चौकी है। कोई भी संचार माध्यम न होने से लोगों को मजबूरी में नेपाली संचार कंपनियों का सहारा लेना पड़ रहा है।
उनका कहना है कि ग्रामीण लंबे समय से व्यवस्थाओं में सुधार की मांग कर रहे हैं। इसके बाद भी मोबाइल टावर लगाने को लेकर कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जनक बिष्ट ने कहा कि पांगला और जयकोट आपदा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील है। यह क्षेत्र कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग से भी जुड़ा है। इसी मार्ग से कई सुरक्षा कर्मियों और पर्यटकों की आवाजाही रोजाना रहती है। नेटवर्क न होने से लोगों को काफी दिक्कतें होती हैं। पांगला के व्यापारी पदम बिष्ट और केशर बिष्ट ने बताया की दोनों गांवों के लोग प्रति माह सात से आठ लाख रुपये के नेपाली रिचार्ज कूपन खरीदने के लिए मजबूर हैं। इससे भारत सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। उन्होंने शीघ्र मोबाइल टावर लगाने की मांग की है।