देहरादून। (ओम प्रकाश उनियाल)। एक तरफ अक्सर बिजली क अघोषित कटौती की जाती है दूसरी तरफ कई इलाकों में दिन में भी स्ट्रीट लाइट जलती नजर आती हैं। असल में खंभों पर लाइट तो लगा तो दी जाती हैं जिन्हें खंभों पर लगे बटन से (स्विच) खोलना-बंद करना होता है। टाइमर की व्यवस्था हर जगह नहीं है। पर जिम्मेदारी ले तो कौन? न तो लोगों को परवाह रहती है और न विभाग जागरूक है।