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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 21 Sep 2021 1:11 pm IST


महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, हत्या या आत्महत्या ? खड़े हो रहे कई सवाल


बीते सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई । नरेंद्र गिरी की मौत से संत समाज स्तंभ है । आइए देखते हैं उत्तराखंड के प्रमुख समाचार पत्रों ने इस खबर को किस तरीके से प्रकाशित किया है।

हिंदुस्तान : अखबार ने “महंत नरेंद्र गिरि मठ में मृत मिले” शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की है खबर में लिखा है अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी कि सोमवार शाम लगभग 4:30 बजे अल्लापुर बांघबरी मठ में संदिग्ध हालत में मौत हो गई।

अमर उजाला : अखबार ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि फंदे पर लटके मिले, मठ सील, शिष्य समेत तीन हिरासत में” शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की है । खबर में लिखा है अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की सोमवार को संदिग्ध हालत में मौत हो गई बांदरी मटके कमरे में फंदे पर उनका शव लटका मिला।


दैनिक जागरण  :  अखबार ने “अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालत में मौत” शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की है । खबर में लिखा है संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि कि सोमवार शाम प्रयागराज में संदिग्ध हालत में मौत हो गई।


न्यूज़ एनालाइज
महंत नरेंद्र गिरी की मौत की खबर को उत्तराखंड के प्रमुख समाचार पत्रों ने अलग-अलग तरीके से प्रकाशित किया है । अमर उजाला अखबार ने अपनी खबर में महेंद्र गिरी की मौत की खबर प्रकाशित करते हुए उनकी मौत पर उठ रहे सवालों का जिक्र किया है।  खबर में यह भी बताया गया है कि सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरी ने लिखा था कि “सम्मान सब कुछ है और इसके बिना जीवन व्यर्थ है” इसके साथ ही खबर में जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर के साथ आईजी रेंज प्रयागराज के.पी सिंह का बयान भी प्रकाशित किया गया है  । इससे अलग खबर में नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरी द्वारा कही गई बातों को अलग से प्रकाशित किया गया है । वहीं दैनिक जागरण अखबार ने अपनी खबर में आनंद गिरि की गिरफ्तारी की बात प्रकाशित करते हुए एक अहम जानकारी दी है कि । नरेंद्र गिरी ने हरिद्वार के एक शिष्य को अपना उत्तरअधिकारी बना दिया है ।  हिंदुस्तान अखबार ने इस खबर को विस्तार में प्रकाशित करते हुए हर उस बिंदु को पर प्रकाश डाला है जो कि नरेंद्र जी महाराज से जुड़ा है । खबर में नरेंद्र गिरी की मौत पर संदेह के पांच बिंदुओं सहित नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट का पूर्ण रूप से उल्लेख किया गया है । इसके साथ ही खबर में बताया गया है कि नरेंद्र गिरी बांघबरी गद्दी संभालने के बाद से ही विवादों में चले आ रहे थे । खबर में आनंद गिरी द्वारा दिया गया बयान आत्महत्या नहीं यह हत्या है सहित उनके द्वारा कही गई सभी बातों को प्रकाशित किया गया है