गढ़वाल के सभी गीत हमे ये बताते है कि गढ़वाल में नथ या कहे नथुली का कितना महत्व है वो ऐसे की गढ़वाल की शादी बिना नथ के अधूरी है गढ़वाली की संस्कृति तो ये भी कहती है बिना नथुनी के गढ़वाल में दुल्हन का श्रृंगार भी अधूरा है। लेकिन सवाल ये है कि आखिर कैसे ये नथुनी गढ़वाली शादी की पहचान बन गयी और आखिर कैसे 18 शताब्दी में गढ़वाल के चलन में आई ये नथुनी आज भी अपनी एक खास जगह बनाये हुए है सभी सवालों का जवाब जानेंगे लेकिन उससे पहले अभिवादन स्वीकार करिये निशा रावत का