भारत के इतिहास में ' 30 मार्च ' को सत्यजीत रे के कारण ही सुनहरे अक्षरों से लिखा जाता है। वो इसलिए क्योंकि 1992 में आज के दिन ही रे को ऑस्कर लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड मिला था। लेकिन रे तो एक ग्राफिक डिजाइनर थे फिर वो फिल्ममेकर कैसे बन गए, उनसे जुड़ी तमाम रोचक जानकारी आपके लिए पेश है