बादलों के परखच्चे कच्चे मकानों पर मेहरबानी नही कर रहे - विनाश ताश के पत्तों की तरह आशियानों को ज़मींदोज़ कर रहा है और हररोज कर रहा है, सांसों की लड़ी सड़कों से पहले टूट रही है और ध्यान रखिए की कूदरत के कहर की रिवायत है वो रियायत नही करती बल्कि इंसानों से ज्यादा जानवरों पर टूटटी है – कम से कम विध्वंस का जो दंश आंकड़ों मे दिख रहा है वो तो यही कहता है। आप भी जरुर देखें बारिश के बरपाए उस कहर के नतीजे जिसने 2022 के मानसून को भी खून से रंग दिया है...