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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 2 Nov 2021 5:13 pm IST

न्यूज़ एनालिसिस

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र नहीं कर पाए बाबा केदार के दर्शन


उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हाल ही में केदारनाथ बाबा के दर्शन करने पहुंचे थे लेकिन वहां उन्हें विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा जिसके चलते वे बाबा केदार के दर्शन नहीं कर पाए । आइए देखते हैं उत्तराखंड के प्रमुख समाचार पत्रों ने इस खबर को किस तरीके से प्रकाशित किया है।

हिंदुस्तान : अखबार ने त्रिवेंद्र को नहीं करने दिए केदारनाथ के दर्शन शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की है । खबर में लिखा है केदारनाथ धाम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे को लेकर जबरदस्त विरोध का सामना करना।


दैनिक जागरण : अखबार ने केदारनाथ धाम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री व पूर्व सीएम का विरोध शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की है खबर में लिखा है । उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने की मांग कर रहे तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का जबरदस्त विरोध किया।


अमर उजाला : अखबार ने केदारनाथ धाम में त्रिवेंद्र का विरोध और त्रिजुगीनारायण में स्वागत शीर्षक के साथ खबर प्रकाशित की है ।  खबर में लिखा है पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के तीखे विरोध का सामना करना।

न्यूज़ एनालाइज

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हाल ही में बाबा केदार के द्वार पर पहुंचे थे लेकिन इस दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत को देवस्थानम बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा झेलना पड़ा और विरोध प्रदर्शन के चलते त्रिवेंद्र सिंह रावत संगम स्थित पुल से आगे नहीं जा सके और उन्हें वापस लौटना पड़ा ।

इन मंत्रियों ने किए दर्शन 
उधर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने तीर्थ पुरोहितों के गुस्से के बीच बाबा केदार के दर्शन किए । 


ये है तीर्थ पुरोहितों के गुस्से की वजह 
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चारधाम यात्रा व्यवस्था और प्रबंधन के लिए उत्तराखंड सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था लेकिन इस गठन का विरोध तीर्थ पुरोहित शुरुआत से ही कर रहे थे । तीर्थ पुरोहितों का कहना यह था कि मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ही देवस्थानम बोर्ड लाए थे और  इस कारण उनका विरोध किया जा रहा है ।